Friday, 20 January 2017

महक

बर्फ से  उजली इन बाड़ों की अंगारिओं में,
    लगे जहाँ सोया सोया तेरी यादों में..
खाव्बों की बूँदें चलके इन आँखों में,
    पाया जैसे मैंने यह जहाँ इन पलकों में ॥

खोये रहे हम तुम जैसे,
       ये वक़्त गुजर जाये न यूँ ही  ऐसे.
 दिल में बजती धड़कन हो ऐसे,
      दूरियों को भ कुछ पता चला हो जाइए।।

मेरा दिल है तेरा दीवाना तू रूह रूह  में मेरी बसती है,
इन लम्हो मैंने जाना, मरे हर ख्वाब में तूं ही रहती हैं ।
इन वादियों की गहराई में गूंज सदा तेरी रहती हैं,
तुझे मिलने जाऊं कहाँ ?
मेरी हर साँसों में तेरी महक रहती है ॥